याज्ञवल्क्य मिश्रा, BIJAPUR. छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पोमरा जंगल में 26 नवंबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। पुलिस और नक्सलियों के बीच इस मुठभेड़ में तीन नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया गया है। पुलिस ने बताया है कि मुठभेड़ स्थल से 3 माओवादियों के शव, 315 राइफल और मस्कट बरामद किया गए हैं। मुठभेड़ खत्म हो चुकी है और सर्चिंग जारी है।
DVCM मोहन कड़ती के दस्ते से मुठभेड़
बीजापुर एसपी अंजनेय वार्ष्णेय ने जानकारी दी कि DRG, CRPF और STF की संयुक्त टीम 25 नवंबर से सर्चिंग पर थी। मिरतुर थाने के इलाके में नक्सलियों की टीम की मौजूदगी की सूचना थी। उस इलाके में DVCM मोहन कड़ती, DVC सुमित्र, मटवाड़ा LOS रमेश समेत नक्सलियों के दस्ते के पोमरा और हल्लूर के बीच होने की सूचना थी। बताया गया था कि दस्ते में 30-40 माओवादी हो सकते हैं। सर्चिंग पर निकली सुरक्षाबलों की टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इसके जवाब में जवानों ने कार्रवाई के दौरान के तीन नक्सलियों को मार गिराया। मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त नहीं हुई है।
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दंतेवाड़ा में करंट से नक्सली की मौत
दंतेवाड़ा में 2 दिन पहले पुलिस को जियाकोडता के जंगलों में नक्सली कमांडर मड़कम देवा का शव हथियार के साथ बरामद हुआ था। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि नक्सली की मौत कैसे हुई? अब नक्सलियों ने कमांडर मड़कम देवा की मौत जंगल में शिकार के लिए ग्रामीणों के लगाए करंट से होने की बात स्वीकारी है। धान की फसल के समय नक्सली जंगली सुअर के शिकार के लिए जंगलों में करंट लगाकर इनका शिकार करते हैं। कई बार इस करंट की चपेट में आकर ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है। महीनेभर पहले दंतेवाड़ा के किरंदुल थाना क्षेत्र के मादाडी गांव का ग्रामीण भी ऐसे ही करंट के जाल में फंस गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी।